भारत का अपने पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद कोई नई बात नहीं है, आजादी के बाद से ही भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच कई बार सीमा विवाद हो चुके हैं| कई समझौतों के बाद आज हमारी सरहदों के कुछ टर्म्स हैँ | नियंत्रण रेखा यानी एलओसी (LOC), वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी (LAC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा यानी इंटरनेशनल बोर्ड(IB) इनका भारत चीन, भारत पाकिस्तान के सीमा विवाद के वक्त काफी वर्णन जानते हैं कि एलएसी और एलओसी में क्या फर्क है|

१.नियंत्रण रेखा एलओसी: जम्मू कश्मीर को लेकर 1947 और 1948 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान और भारत के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें जम्मू कश्मीर को पाकिस्तानऔर भारत के बीच बांट दिया गया और एक सीमा रेखा बना दी गई | जिसके तहत एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के पास रहा, जिसे पाकिस्तान आजाद कश्मीर कहता है| वही दो तिहाई हिस्सा भारत के पास रहा जिसे भारत में जम्मू कश्मीर घाटी कहा जाता है |
1971 इंडो – पाक युद्ध: 1971 में फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, 1972 में फिर शिमला समझौता हुआ है जिसके तहत, युद्ध विराम रेखा को हेलो सीमा को एलओसी माना गया, यानि की लाईन ऑफ कंट्रोल | एलओसी भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग 420 किलोमीटर लंबी है| मौजूदा एलओसी लगभग उतनी ही है जितनी 1947 में हुए युद्ध के वक्त मानी गई थी|
2.वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी: यह नियंत्रण रेखा भारत और चीन के बीच में है जिसकी लंबाई 3448 किलोमीटर है, जो मुख्यतः तीन सेक्टरों में बैठी हुई है, पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू कश्मीर, मिडिल सेक्टर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश | इलाकों को लेकर भारत और चीन में झड़प होती रहती है | भारत जहां अक्साई चीन पर अपना दावा करता है, वही चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है |

1962 भारत चीन युद्ध: 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद देशों की सीमाएं जहां तैनात थी उस स्थिति को बनाए रखने के लिए युद्धविराम रेखा को ही आगे चल के वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलओसी कहा जाने लगा| हालांकि दोनों देश इस पर भी पूरी तरह सहमत नहीं है |
3.इंटरनेशनल बॉर्डर: यह दो देशों के बीच वह सीमा है जिस पर दोनों देशों के सहित पूरी दुनिया सहमति जताती है और वह कहलाती है अंतरराष्ट्रीय सीमा | इसके अंतर्गत भारत भूटान सीमा l, भारत नेपाल सीमा, भारत-बांग्लादेश सीमा, भारत मयांमार सीमा आते हैं|