छेड़छाड़ से हुई परेशान पुलिस ने नहीं किया इंसाफ तो बन गई डीएसपी, आर्यन लेडी के नाम से मशहूर है पूरे देश में यह लड़की

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भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी लड़कियों और महिलाओं को अक्सर लड़कों द्वारा छेड़छाड़ का सामना करना पड़ता है और यह बहुत पहले से ही देखने को मिलता रहा है. कई बार तो छेड़छाड़ के डर से लड़कियां इतनी ज्यादा परेशान हो जाती है कि घर से बाहर निकलना तक छोड़ देती है और ऐसे में कई बार उनकी पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो जाती है. लड़कों के इन गंदी हरकतों की वजह से कई लड़कियों को सब कुछ छोड़ छाड़ कर अपने घर पर बैठ जाना पड़ता है और ऐसे में वह जीवन में आगे कुछ नहीं कर पाती हैं.

हालांकि, आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसी लड़की से रूबरू कराने वाले हैं जिसने छेड़छाड़ के डर से घर ना बैठना सही समझा और आज पुलिस में भर्ती होकर ऐसे मनचलों को सबक सिखाने का काम करती है. आपको बता दें कि इस लड़की के आगे बड़े बड़े मनचलों का पसीना छूट जाया करता है.

जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की रहने वाली श्रेष्ठा ठाकुर के बारे में, जी हां श्रेष्ठा ठाकुर का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बिजनेसमैन एसबी सिंह भदौरिया के घर हुआ था. आपको बता दें कि श्रेष्ठा ठाकुर ने अपनी स्कूली पढ़ाई करने के बाद कानपुर के एक कॉलेज में ग्रेजुएशन करने का फैसला किया और उन्होंने इसके लिए वहां दाखिला करवा लिया. हालांकि, यहां श्रेष्ठा ठाकुर के साथ कुछ मनचलों ने छेड़छाड़ की. पहली बार तो श्रेष्ठा ठाकुर ने इस घटना को लेकर चुप्पी साधी और किसी से भी इसका जिक्र नहीं किया.

लेकिन जब इन मनचलों ने यह घटना दोहराने की कोशिश की तो श्रेष्टा ने इस बार पुलिस स्टेशन जाकर इन मनचलों को सबक सिखाने का फैसला किया और श्रेष्ठा ठाकुर इन मनचलों को सबक सिखाने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंच गई. यहां उन्होंने उन मनचलों लड़कों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया लेकिन पुलिस ने इस मामले में कुछ खास नहीं किया. इतना ही नहीं पुलिस ने कोई खास कार्यवाही भी नहीं किया. जिसके बाद श्रेष्ठा ठाकुर को काफी ज्यादा गुस्सा आया और फिर श्रेष्ठा ठाकुर ने खुद को इंसाफ दिलाने के लिए ठान लिया.

आपको बता दें कि खुद को इंसाफ दिलाने के लिए श्रेष्ठा ठाकुर ने एक अलग ही रास्ता निकाल लिया. दरअसल, श्रेष्ठा ठाकुर ने पुलिस स्टेशन में चक्कर न काटने के बजाय खुद को पुलिस ऑफिसर बनाने का निश्चय कर लिया और इसकी तैयारियां भी शुरू कर दिया. जिसके बाद साल 2012 में श्रेष्ठा ठाकुर ने पीपीएस का परीक्षा पास कर बतौर पुलिस ऑफिसर अपना पद संभाला. आपको बता दें कि आज श्रेष्ठ ठाकुर डीएसपी बन गई हैं. इतना ही नहीं अब गुंडे बदमाश और मनचले इनको देखते ही खौफ खाने लगते हैं. इतना ही नहीं उनके पसीने तक उतर जाते हैं.

आपको बता दें कि श्रेष्ठा ठाकुर के इस बहादुरी के वजह से इन्हें आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि पुलिस ऑफिसर बनने के बाद आयरन लेडी श्रेष्ठा ठाकुर ने लड़कियों को ताइक्वांडो का भी ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था. जिससे लड़कियां ऐसे मनचलों को तुरंत सबक सिखा सकें. आज श्रेष्ठा ठाकुर अपने गांव ही नहीं बल्कि पूरे देश में ऐसी लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई है जो मनचलों से खौफ खाकर घर पर बैठ जाती हैं.