हिमाचल प्रदेश के इस गांव की महिलाएं रहतीं हैं निर्वस्त्र अजीब परम्परा को निभाते हैं लोग

रोचक तथ्य

हम टेक्नोलॉजी के मामले में काफी विकास कर चुके हैं हर तरफ से हमें टेक्नोलॉजी ने जकड़ के रखा है. भले ही टेक्नोलॉजी कितनी भी विकसित हो चुकी है लेकिन आज भी कुछ ऐसी परंपराएं मौजूद है. जो वर्षों से चली आ रही हैं और आज भी उनको फॉलो किया जाता है. निरंतर विकसित होते समाज के अंदर इस तरह की परंपराएं थोड़ी अटपटी लगती हैं लेकिन इसके बावजूद इन परंपराओं को बड़े ही नियमों के साथ निभाया जाता है. आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने वाले हैं. जहां पर शादीशुदा महिलाएं 5 दिनों तक निर्वस्त्र रहती हैं और यह परंपरा उस गांव में वर्षों से चली आ रहे हैं.

यह तो हर कोई जानता है भारत अपनी सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की वजह से पूरी दुनिया में विख्यात है वहीं भारत में भी राज्यों के हिसाब से यह परंपराएं बटी हुई हैं अलग-अलग राज्यों की अपने हिसाब से रीति रिवाज और परंपराएं हैं. लेकिन हम आपको जिस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं उसकी परंपराएं इन सभी से भिन्न है हिमाचल प्रदेश की इस गांव को इसकी अजीब तरीके की परंपराओं की वजह से ही पूरे देश भर में जाना जाता है हिमाचल प्रदेश के इस गांव का नाम पीणी है और इस गांव में पिछले कई दशकों से ऐसी ही अजीबोगरीब परंपराएं चलती आ रही हैं. जिनमें से एक परंपरा यह भी है. इस परंपरा के अनुसार जब भी इस गांव के किसी लड़के की शादी संपन्न होती है तो इसके 5 दिन तक उसकी पत्नी को निर्वस्त्र रहना पड़ता है और यह परंपरा सावन के महीने में पूरी की जाती है.

अगर कोई महिला इस परंपरा को नहीं निभाती है तो उसको गांव से निष्कासित कर दिया जाता है और कहा जाता है कि इसके बाद उस महिला को अशुभ समाचार मिलते हैं जिसकी वजह से उस महिला की जीवन पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. यह परंपरा हिमाचल प्रदेश की पीणी गांव में पिछले कई दशकों से चली आ रही है और टेक्नोलॉजी के इस युग में भी इस परंपरा को लोग नियमित रूप से फॉलो करते हैं. यह अजीबोगरीब परंपरा 17 अगस्त से लेकर 21 अगस्त तक चलती है जहां कुछ नियम और पाबंदियां महिलाओं के ऊपर लागू होती हैं तो कुछ रूल पुरुषों के लिए भी बनाए गए हैं अगर कोई महिला इस परंपरा को निभाती है तो इस दौरान उसका पति शराब नहीं पी सकता है. अगर उसका पति शराब पीता है तो इसकी वजह से अप्रिय घटनाएं होने की संभावना होती है.

सदियों से चली आ रही इस पारंपरिक प्रथा के बारे में यहां के लोग बताते हैं कि आज से वर्षों पहले इस गांव में लाहुआ घोंड देवता जब पीणी गांव आए थे यहाँ के निवासियों के मुताबिक दशकों पहले इस गांव पर राक्षसों का कब्जा हुआ करता था और यह दानव उसी महिला को उठा ले जाते थे जो सुंदर कपड़े धारण करती थी. लोग बताते हैं उसी समय इस गाँव मे लाहुआ घोंड देवता आए थे.

और उन्होंने इस दानव का विनाश कर दिया था. यहाँ हर साल ये देवता आते हैं और यही वजह है कि यहाँ कि महिलाएं इस मौके पर कपड़े नहीं धारण करती हैं. लेकिन दोस्तों समय के साथ कुछ नियम बदल भी गए हैं वर्तमान समय में यहाँ कि लेडिज इस परम्परा को निभाने के लिए अपने शरीर पर पतला कपड़ा लपेट लेती हैं.

आपका क्या कहना है इस अजीबोगरीब परंपरा के बारे में कमेंट बॉक्स ऑफिस में बता दीजिये.