पोती की पढ़ाई के लिए इस शख्स ने बेच दिया अपना सब कुछ, अब ऑटो में ही रहकर करते हैं अपना गुज़ारा

खबर ट्रेंडिंग

आए दिन सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें सुनने और देखने को मिलती हैं जिसको जानने के बाद से हम सब काफी ज्यादा हैरान हो जाते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसे व्यक्ति की चर्चा हो रही है जो अपनी उम्र की अंतिम सीमा पर पहुंच गए हैं जी हां यहां से लोग काम करना बंद कर देते हैं. लेकिन इस व्यक्ति ने इस उम्र में भी काम करना नहीं बंद किया है. इतना ही नहीं अभी हाल ही में उन्होंने अपनी पोती के पढ़ाई के लिए अपना घर तक बेच दिया है और अपने ऑटो रिक्शा में ही अब अपना गुजारा कर रहे हैं. जी हां यह कहानी मुंबई के रहने एक बुजुर्ग ऑटो ड्राइवर की है जिसका नाम देसराज है.

आपको बता दें कि इन दिनों इनकी कहानी सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा चर्चा में है. दरअसल, उन्होंने अपनी पोती के पढ़ाई के लिए अपना घर बेच दिया है और अब यह ऑटो में ही खाना पीना करते है और तो और ऑटो में ही सो जाते हैं. आपको बता दें कि देसराज की कहानी सुनने के बाद से लोग काफी ज्यादा भावुक नजर आ रहे हैं. हालांकि, इन दिनों सोशल मीडिया पर इतनी कठिनाई से अपना जीवन व्यतीत करने के बावजूद भी देसराज की मुस्कुराने वाली कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. जिसको देखने के बाद से लोग देसराज की मदद के लिए गुहार भी लगा रहे हैं.

आपको बता दें कि देसराज मुंबई में ऑटो चलाने का काम करते हैं. यानी देसराज पेशे से एक ऑटो ड्राइवर है. आपको बता दें कि इनके दो बेटे थे और इनके दोनों बेटों की मौत हो गई थी. अब आप खुद ही सोच सकते हैं कि जब कोई पिता अपने दो जवान बेटे की चिता में आग लगा सकता है तो उसके जीवन में कितने दुख होंगे. हालांकि, देसराज काफी हिम्मती और दृढ़ संकल्प वाले व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं. अपने दोनों बेटों के खोने के बाद भी देसराज अपने उम्र के आखिरी पड़ाव में आने के बावजूद भी अपने घर के कुल 7 सदस्यों का पेट पालते हैं.

आपको बता दें कि देसराज ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनका 40 साल का बेटा एक दिन अचानक घर से गायब हो गया और बाद में उसकी लाश मिली थी. इतना ही नहीं एक और उनके बेटे की लाश स्टेशन पर मिली थी. जिसके बाद से उनका पूरा परिवार टूट गया था. आपको बता दें कि देसराज के घर में कुल 7 सदस्य रहते हैं और इनका भरण पोषण देसराज ही करते हैं. आपको बता दें कि इनके जवान बेटों के मरने के बाद से देसराज के ऊपर इनकी बहू और चार पोते-पोतियो का जिम्मेदारी आ गया है. हालांकि, देसराज की पोती पढ़ने में काफी तेज है और ऐसे में देसराज का सपना है कि वह अपने पोती को स्कूल टीचर बना सकें और उनकी पोती भी स्कूल टीचर बनना चाहती हैं.

आपको बता दें कि अपनी पोती को स्कूल टीचर बनाने के लिए यानी बीएड की पढ़ाई कराने के लिए देसराज के पास पैसे नहीं थे. ऐसे में उन्होंने अपने घर को बेच दिया और अपने पत्नी और बहू समेत पोते और पोतियो को गांव के एक रिश्तेदार के यहां रहने के लिए भेज दिया और देशराज खुद मुंबई में रहकर ऑटो रिक्शा चलाते हैं. जिससे इनके घर का खर्चा चल सके है. आपको बता दें कि अपना घर बेचने के बाद देसराज काफी मुश्किलों से अपना जीवन गुजार रहें हैं और देसराज अपने ऑटो में ही खाना-पीना करते हैं और ऑटो में ही सो जाते हैं. आपको बता दें कि मीडिया से बातचीत करते हुए देसराज ने बताया कि उनका सपना है कि उनकी पोती स्कूल टीचर बन जाए.