सिर्फ 85 रूपए में खरीदें अपना घर, इस जगह घर खरीदने के लिए लगी लंबी लाईन..!

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आजकल कौन नहीं चहाता कि उसका एक अपना घर हो जिसमे वो सुकूने से अपने घर वालों के साथ रहे लेकिन इस महंगे ज़माने में हर के बस की बात नहीं कि वो अपना खुद का घर ले सके. हममे से ज्यादातर लोगों के लिए अपना घर लेना सिर्फ एक सपना ही रह गया है. लेकिन अगर हम आपसे कहे कि आप अभी भी अपना घर ले सकते हैं वो बी सिर्फ कुछ रूपए देकर तो आपको यकीन नहीं होगा.

अब हम आपको ऐसे घरों को बारे में बताने जा रहे हैं जो सिर्फ 85 रूपए में मिल रहे हैं. आपको ये बात सुनकर यकी नहीं हो रहा होगा लेकिन ये सच हैं. इस 85 रूपए के घर को खरीदने के लिए आपको बस कुछ नियम कायदे और कानून मानने पड़ेगें. बता दें इटली के सिलसिली के मुसोमेली में 85 रूपए के घर मिल रहे हैं. यहां की सरकार ने पुराने घरों को बेचने के लिए एक स्कीम शुरू की है इस स्कीम के तहत आप यहां घर खरीद सकते हैं. इस स्कीम की सबसे अच्छी बात ये हैं कि आप चाहें इटली के नागरिक हो या न हो आप आसानी से इन घरों को खरीद सकते हैं. इस घरों को खरीदने के लिए कुछ शर्ते रखी गई हैं. इन शर्तों में सबसे पहली शर्त ये है कि घर खरीदने के तीन साल के अंदर ही आपको एक बार घर को रिनोवेट करवाना पड़ेगा.

इन घरों की कीमत क्यों है इतनी कम तो आपको बता दें कई ऐसे देश है जहां की आवादी बहुत ही कम हैं और यहां कई पुराने ऐसे घर हैं जो पूरी तरह से खाली हैं. इन घरों को भरने के लिए सरकारें अलग-अलग तरह की स्कीमें निकालती हैं. जैसे कि सरकार ने स्कीम निकाली की आप 85 रूपए या 1 डॉलर में घर खरीद सकते हैं. तो इससे सरकार को क्या फायदा होगा? यहां लोगों की आवादी बढ़ेगी और पहले से यहां मौजूद लोगों की इनकम बढ़ेगी. और सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम में घर को 3 साल में रिनोवेट करवाना है. घर रिनोवेट हो जाने के बाद अच्छे हो जाएगें. जिससे घर के साथ-साथ शहर की भी खूबसूरती बढ़ेगी.

घर खरीदने वालो को आयी दिक्कत और लोगो ने बेचे अपने घर. दरसल ब्रिटेन में रहने वाला एक आस्ट्रलिआई व्यक्ति जिसका नाम डैनी मैक्कुबिन है. उसने कोरोना काल के दौरान यहां घर खरीदा था. कोरोना के दौरान इस तरह की स्कीम सामने आयी थी. डैनी को मजदूर न मिल पाने की वजह से घर को बेचना पड़ा था. क्योंकि शर्त के मुताबिक वो घर को रिनोवेट नहीं करवा पाये थे. कुछ महीनों पहले इटली में मजदूरों की कमी हो गई थी. जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.